क़ानून व्यवस्था पर योगी के सख्त कदम, यूपी पुलिस को ये खास ‘पॉवर’ देने की तैयारी

लखनऊ। यूपी में सत्ता की वापसी के बाद से ही प्रदेश में सीएम योगी की क़ानून व्यपस्था को लेकर उठाए जाने वाले कदम काफी चर्चा में हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को सामने आई जानकारी से यह बात पता चली की जल्द ही इस दिशा में सीएम योगी एक अन्य बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। ताकि प्रदेश से जड़ से अपराध की जड़ें उखाड़ फेंकी जा सकें।
दरअसल, जानकारी ये हैं कि योगी सरकार जल्द ही गाजियाबाद समेत चार जिलों में पुलिस कमिश्नरेट लागू करने की तैयारी में है।
खबरों के मुताबिक़ बढ़ती आपराधिक घटनाओं के चलते गाजियाबाद शहर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू हो सकती है। गाजियाबाद के साथ ही मेरठ, प्रयागराज और आगरा में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश का गृह विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था पहले से लागू है। जिनमें लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर और कानपुर शामिल हैं।
दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद सीएम योगी ने अफसरों को कानून व्यवस्था पर पूरा फोकस रखने को कहा है।
बताया जा रहा है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए गाजियाबाद मेरठ, आगरा और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली की जरूरत पर बल दिया गया है। जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारियां चल रही हैं। बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए गृह विभाग ये कदम उठा सकता है।
ध्यान रहे, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने पर जिले के कमिश्नर के अधिकार बढ़ जाते हैं। इस व्यवस्था में पुलिस को कई बड़े मामलों में डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है, क्योंकि डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं और फैसला ले सकते हैं। इस प्रणाली में पुलिस खुद ही किसी भी हालात में कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसले ले सकती है।
बता दें, आजादी से पहले भारत में अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया हुआ था। उस वक्त सारी न्यायिक शक्तियां पुलिस कमिश्नर के पास होती थी। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है। देश आजाद होने के बाद यह प्रणाली वक्त के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी लागू की गई। यही वजह है कि अब भारत के कई महानगरों में यह प्रणाली लागू है।