आजम खान के विश्वविद्यालय पर योगी सरकार का बड़ा हमला

आजम खान की मोहम्मद जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को प्रदेश सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। प्रशासन की ओर से विश्वविद्यालय के गेट पर एक दखलनामा लगाया गया है। जिसके बाद से यह चर्चा में बना हुआ है।
प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय को संचालित करने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को भी बेदखल कर दिया है। आजम खान इसके अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं। जबकि उनकी पत्नी विधायक डॉक्टर तजीन फात्मा जौहर ट्रस्ट की सचिव है।
जौहर विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जा करने के लिए गुरुवार को सदर तहसीलदार प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एक टीम पहुंची थी। तहसीलदार ने जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति सुल्तान मोहम्मद खान से मुलाकात की और डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने को कहा, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया। वाइस चांसलर का कहना था कि वह जौहर ट्रस्ट की नौकरी करते हैं उनको संपत्ति मामलों में हस्तक्षेप और हस्ताक्षर करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। इसके बाद दो गवाहों और पुलिस की मौजूदगी में लगभग 70 हज़ार हेक्टेयर भूमि पर कब्ज़ा बेदखली की कार्यवाही की गई।
जनवरी माह में ही तहसील प्रशासन ने इस जमीन को शासन में समाहित करा दिया था। उस समय अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता को अदालत ने इस जमीन को सरकार में समाहित करने का आदेश भी दिया था। इसके विरोध में जौहर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में अपील की थी। लेकिन 6 सितंबर को कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी अतः अब कब्जे और दखल की कार्यवाही की गई है और जौहर ट्रस्ट को इस भूमि से बेदखल कर दिया गया है।