भारतीय सेना में बंद होगी विदेशी वेपन की एंट्री? इस्तेमाल किए जाएंगे स्वदेशी हथियार!

नई दिल्ली। भारत सरकार ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने विदेशी हथियारों की खरीद-फरोख्त पर अब रोक लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। तीनों सेनाओं को विदेश में बने हथियारों और अन्य साजो-सामान से छुटकारा दिलाने का निर्णय कर लिया है। अब जिन रक्षा उपकरणों की जरूरत भारत को होगी, उनकी निर्माता कंपनियों को भारत में ही निर्माण करना होगा। साथ ही उन्हें यह भी छूट होगी कि वे भारत में बनाए गए रक्षा उत्पादों को दूसरे देशों को निर्यात कर सकेंगे।
खबरों के अनुसार करीब 70 फीसदी रक्षा उपकरणों का स्वदेशीकरण किया जा चुका है। यानी भविष्य में तीनों सेनाओं को देश में बने राइफल्स, टैंक्स, मिसाइलें, हेलिकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन्स आदि मिलेंगे। भारत सरकार चाहती है कि वो रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बने। मेड इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्वदेशी हथियार और रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा उन्हें अपने उत्पादों को एक्सपोर्ट करने की भी छूट दी जाएगी। लोकसभा में 1 अप्रैल 2022 को एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने इस काम को चार हिस्सों में बांटा है।
चार प्रमुख हिस्से जिनके जरिए बनेंगे अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार-उपकरण
ये चार हिस्से हैं- मेक-1, स्पेशल पर्पज व्हीकल, आईडीईएक्स और मेक-2। अब आपको बताते हैं कि इन चार हिस्सों में किस तरह के उपकरण और हथियार आएंगे।
मेक-1 (Make-1) में 14 रक्षा उत्पाद होंगे।
ये हैं- हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल, डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिवाइस और लेजर डिवाइस), नेवल शिप बॉर्न अनमैन्ड एरियल सिस्टम (NSUAS), लाइट वेट टैंक, सेल्फ हीलिंग माइन फील्ड्स, अनमैन्ड ऑटोनॉमस एआई बेस्ड लैंड रोबोट, 127 मिमी नौसैनिक गन, 127 मिमी गाइडेग प्रोजेक्टाइल, जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन इंजन, स्टैंडऑफ एयरबोर्न जैमर, लिथियम-आयन सेल्स / लिथियम – सल्फर सेल्स, कम्यूनिकेशन सिस्टम्स, इलेक्ट्रो ऑप्टिल पॉड विद हाई रेजोल्यूशन सेंसिंग और प्लग एंड प्ले हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर।
स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) मॉडल में लंबी दूरी के अनमैन्ड एरियल व्हीकल जैसे हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (HALE) और इंडियन मल्टी रोल हेलिकॉप्टर (IMRH)। आईडीईएक्स (iDEX) के तहत निचली कक्षा में घूमने वाले सूडो सैटेलाइट्स। मेक-2 (Make-2) में एंटी- जैमिंग सिस्टमस् फॉर मल्टिपल प्लेटफॉर्म्स।
स्वदेशी हथियारों-उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण
भारत सरकार ने विदेशी हथियारों और रक्षा उपकरणों के बजाय Make In India पर जोर दिया है। जिसके लिए डिफेंस एक्वेजिशन प्रोसीजर (DAP-2020) के तहत स्वदेशी हथियारों-उपकरणों को पहले चुना जाएगा। औद्योगिक स्तर पर डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए 18 प्रमुख डिफेंस प्लेटफॉर्म्स को चुना गया है। सर्विसेज संबंधी 209 आइटम्स को सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (DPSU’s) के 2851 रक्षा उपकरणों और 107 लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (LRUs) को भी इस सूची से जोड़ा गया है।
यूपी-तमिलनाडु में बनेंगे दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर्स
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर्स बनाए जा रहे हैं। तमिलनाडु में ये कॉरीडोर चेन्नई, होसुर, कोयमंबटूर, सलेम और तिरुचिरापल्ली तक फैला होगा। वहीं, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़, आगरा, झांसी, कानपुर, चित्रकूट और लखनऊ तक होगा।