‘मतगणना से पहले हो VVPAT पर्चियों का EVM से मिलान’… SC सुनवाई को तैयार

नई दिल्ली। मतगणना से ठीक एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ‘VVPAT पर्चियों का EVM से मिलान’ वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। बताया जा रहा है कि आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश कुमार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीन कोर्ट ने सुनवाई की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने फैसला किया है कि इस मामले पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि मतगणना के बाद पर्चियों का मिलान करने की प्रक्रिया में देर हो जाती है। तब तक चुनाव एजेंट्स निकल जाते हैं। ऐसे में पारदर्शिता की स्थिति बाधित होती है। वहीं दायर याचिका में ये भी मांग की गई है कि हर विधान सभा में VVPAT वेरिफिकेशन के लिए बूथों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, अभी हर विधान सभा के पांच बूथों पर VVPAT की पर्चियों का मिलान ईवीएम से किया जाता है। अप्रैल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों को एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) प्रति विधान सभा क्षेत्र से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था।
खबरों के मुताबिक़ पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव के वोटों की गिनती से 1 दिन पहले VVPAT की पर्चियों के मिलान पर दायर याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को अहम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके बारे में चुनाव आयोग को सूचना दे दी जाए, देखते हैं इस बारे में क्या हो सकता है?
जान लें सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश कुमार ने दायर की है। सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण की अध्यक्षता वाली बेंच और जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की बेंच के सामने याचिका का उल्लेख किया।
बेंच ने मीनाक्षी अरोड़ा से पूछा कि गिनती परसों है और उन्होंने अब याचिका का जिक्र किया है? इसके बाद मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई के लिए दबाव डाला क्योंकि मतगणना 10 मार्च को है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि VVPAT की पर्चियों का मिलान ईवीएम से एजेंटों के सामने वोटों की गिनती की शुरुआत में ही किया जाना चाहिए। इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।