यूक्रेन-रूस WAR : टला बड़ा हादसा… आग की चपेट में था न्यूक्लियर प्लांट, गोलीबारी में भारतीय छात्र घायल

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के मध्य छिड़ी जंग लगातार नौ दिन से जारी हैं। हालांकि, भारत के कहने पर कि दोनों देशों को आपस में बातचीत कर शांति से मामले को सुलझा लेना चाहिए, के बाद दो से तीन प्रयास बातचीत के किए गए, लेकिन उस पर अभी तक कोई भी बात बनती हुई नहीं नजर आ रही है।
आलम ये हो चला है कि आज की खबरों में भारत के सीने पर एक और जख्म लगने की खबर के साथ एक ऐसी बात सामने आई जिसने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है।
दरअसल, खबर यह है कि सीमा पार करने के दौरान एक और भारतीय को गोली लगी है, जिस कारण उसे वापस कीव ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
दूसरी ओर यह भी सामने आया कि रूसी हमले में यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट में आग लग गई, जिसे फिलहाल तो बुझा दिया गया है। मगर, यदि ऐसा संभव न हो होता तो मुमकिन है कि इस रूस और यूक्रेन की जंग की आंच में आज पूरा यूरोप झुलस गया होता।
ऐसे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और वहां की सेना का जो मौजूदा रुख है, उससे साफ है कि वह अपने मकसद को लेकर साफ है। रूस के निशाने पर वहां का परमाणु प्लांट और चेर्निहीव (कीव और खारकीव के बाद) है।
वहीं खबर यह भी है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत के लिए बैठने की अपील की है। साथ ही पश्चिमी देशों से यूक्रेन को रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए और मजबूत सैन्य सहायता मुहैया कराने आग्रह किया।
इतना ही नहीं तंज कसते हुए जेलेंस्की बोले, ‘‘मेरे साथ बातचीत करने के लिए बैठिए, 30 मीटर दूर नहीं। मैं काटता नहीं हूं। आप किस बात से डरे हैं?’’
उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन को समर्थन देने में दुनिया की गति बहुत धीमी है। उन्होंने पश्चिमी देशों के नेताओं का आह्वान किया कि वे रूसी युद्धक विमानों को रोकने के लिए यूक्रेन पर ‘नो-फ्लाई ज़ोन’ लागू करें। अमेरिका और नाटो सहयोगियों ने इस कदम से इनकार किया है क्योंकि इससे रूसी और पश्चिमी देशों की सेनाएं आमने-सामने आ जाएंगी।
वहीं जेलेंस्की ने गुरुवार के समाचार सम्मेलन के दौरान कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच एक और दौर की वार्ता की संभावनाएं आशाजनक नहीं लगती। उन्होंने हालांकि यह कहते हुए वार्ता की आवश्यकता पर बल दिया कि ‘‘कोई भी शब्द किसी गोली से अधिक महत्वपूर्ण हैं।’’