टीएमसी विधायक की भाजपा वोटरों को खुली धमकी- ‘वोट देने निकले तो देख लेंगे’

नई दिल्ली। हाल ही में हुई तृणमूल कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच भिडंत के बात यहां का सियासी पारा काफी अधिक बढ़ गया है। इसी कड़ी में एक बड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि आसनसोल लोकसभा सीट और चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के तहत टीएमसी विधायक नरेन चक्रवर्ती ने खुलेआम भाजपा वोटरों को धमकाने का काम किया है। आरोप है कि लाउदोहा ब्लॉक के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में विधायक ने जोर देकर कह दिया है कि कट्टर बीजेपी वोटर बाहर ना निकलें।

उन्होंने कहा कि जो कट्टर भाजपा समर्थक हैं उन्हें डराएं-धमकाएं, उनसे कहें कि वे लोग वोट देने न जाए, अगर वे लोग वोट देने जाते हैं तो उसके बाद वे लोग कहां रहेंगे खुद तय कर लें और अगर वह लोग वोट देने नहीं जाते हैं तो हम लोग समझेंगे कि वह हमारे समर्थन में हैं।

खबरों के मुताबिक़ भाजपा के सह बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने एक वीडियो जारी कर तृणमूल विधायक नरेन चक्रवर्ती पर पार्टी के समर्थकों को धमकाने का आरोप लगाया है। मालवीय ने कहा कि चक्रवर्ती भाजपा के समर्थकों को धमकाया कि यदि उन्होंने उसे वोट दिया चुनाव बाद अंजाम भोगना पड़ेगा।

बता दें, आसनसोल लोकसभा सीट पिछले साल अक्तूबर में बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के कारण खाली हुई है। वह भाजपा सांसद थे, लेकिन लोस से इस्तीफा देने के कुछ समय बाद बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल में शामिल हो गए।

भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख मालवीय ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी संज्ञान लेने का आग्रह किया है। मालवीय ने टीएमसी प्रमुख व बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि वह ऐसे विधायकों को संरक्षण दे रही हैं।

वीडियो में एमएलए नरेन चक्रवर्ती भाजपा समर्थकों से कह रहे हैं कि वे उसे वोट न दें, वरना चुनाव के बाद देख लेंगे। वह यह भी कहते हैं कि यदि उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया तो वे राज्य में रह सकेंगे और काम-धंधा कर सकेंगे, टीएमसी उनका समर्थन करेगी। वीडियो जारी करते हुए मालवीय ने कहा, ‘टीएमसी के पांडवेश्वर (आसनसोल) विधायक नरेन चक्रवती भाजपा समर्थकों व वोटरों को खुलेआम धमका रहे हैं। वह उनसे कह रहे हैं कि वे वोट न दें न समर्थन करें और यदि भाजपा को वोट दिया तो अंजाम भोगने को तैयार रहें। ऐसे अपराधियों को जेल में होना चाहिए, लेकिन सीएम ममता बनर्जी उन्हें संरक्षण दे रही हैं। चुनाव आयोग को इस पर अवश्य संज्ञान लेना चाहिए।’

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