सावन के आखरी सोमवार के दिन डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

सावन के महीने में आखरी सोमवार को राजधानी लखनऊ के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर पर श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें दिखाई दी। कतार में खड़े श्रद्धालुओं ने कतारों में खड़े होकर बोल बम के खूब जयकारे लगाए। भक्तों की भीड़ का ताता मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी तक लगा रहा.

आपको बता दें कि सावन के पावन महीने की शुरुआत 25 जुलाई से हो गई थी और तभी से ही राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दे रही है। हालाँकि कतार में खड़े भक्तों ने कोविड के नियम कानून की खूब धररले से धज्जियाँ उड़ाई, बिना मास्क के खड़े श्रद्धालु बोल बम के नारे में चूर कतार में घंटों तक खड़े रहे। शिव भक्तों ने भोलेनाथ के जयकारों के साथ महादेव के दर्शन किए। भक्तों के हाथों में गंगाजल, बेलपत्र, फूल, धतूरा, नारियल, दूध, दही, फूल, आदि से बाबा बुद्धेश्वर महादेव के दर्शन करके महादेव शिव का आशीर्वाद लिया।
सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है, और सावन माह भगवान महादेव को समर्पित होता है। इन दिनों शिव भक्त भोलेनाथ का व्रत करके उनकी उपासना करते हैं। सावन का महीना हिंदू कैलेंडर के अनुसार 5वां महीना माना गया है। सावन के महीने में पवित्र कांवड यात्रा का आयोजन किया जाता है और संपूर्ण महीना भगवान शिव की उपासना के लिए अतिउत्तम माना जाता है। यही कारण है कि शिवभक्त इस महीने का पूरे साल भर इंतजार करते हैं जिसमे सावन में सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार का दिन भगवान शिव का प्रिय दिन माना गया है, इसलिए सावन के सोमवार में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
सावन के महीने में कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। मान्यता है कि सावन के महीने में दूध और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि सावन के महीने में कीड़े-मकोड़े अधिक पनपते हैं। संक्रामक रोग होने के खतरा भी बना रहता है। जहरीले कीड़े- मकोड़े गाय भैंस को भी प्रभावित करते हैं, जिस कारण दूध हानिकारक हो जाता है।