‘कांग्रेस’ से लगाव रखने वाला ये सीनियर नेता मोदी से प्रभावित, कहा- इनके जैसा प्रधानमंत्री नहीं देखा

नई दिल्ली। भले ही इन दिनों आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए सभी विपक्षी दल सुर में सुर मिलाकर भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के प्रयास में जुटी हुई हैं। इसके बावजूद कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो विपक्ष में होते हुए भी अपनी निष्पक्ष राय रखते हैं। हम बात कर रहे हैं पूर्व यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे एनसीपी (राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी) चीफ शरद पवार की। बीते दिन यानी बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान उनसे पीएम मोदी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने पीएम मोदी की काफी तारीफ़ की और उनके द्वारा किए गए कार्यों को सराहा। इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी की कार्यशैली की भी काफी प्रशंसा की और यहां तक कह दिया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों अभी तक ऐसी कार्यशैली नहीं देखी।

खबरों के मुताबिक़ शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज की शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक बार जब वह कोई कार्य करते हैं, तो वह इसे पूरा करना सुनिश्चित करते हैं। पवार ने कहा कि मोदी बहुत प्रयास करते हैं और काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी का स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि जब तक वह (कार्य) अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक वह नहीं रुकेगा।
पवार ने कहा कि पीएम इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी सरकार की नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और उनके सहयोगी एक साथ कैसे आ सकते हैं। मोदी के पास अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का एक अलग तरीका है और वह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी।
पवार ने कहा कि मेरी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय थी कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे अलावा यूपीए सरकार में कोई अन्य मंत्री नहीं था जो मोदी से बातचीत कर सके क्योंकि वह मनमोहन सिंह सरकार पर लगातार हमला करते थे।
पवार ने कहा कि जब मोदी गुजरात के सीएम थे, मैं केंद्र में था। जब पीएम सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, मोदी भाजपा शासित राज्यों के सीएम के एक समूह का नेतृत्व करते थे और केंद्र पर हमला करते थे। उन्होंने कहा कि तो ऐसी स्थिति में मोदी को कैसे जवाब दिया जाए, इस पर रणनीति बनाई जाती थी।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वह उपस्थित सभी लोगों से कहते थे कि भले ही उनके और मोदी और उनकी पार्टी भाजपा के बीच मतभेद हों, किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के सीएम हैं और लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है। अगर वह यहां मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों का समाधान हो और हित उनके राज्य के लोग प्रभावित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने उनकी राय का समर्थन किया।
पवार ने कहा कि मैं अकेला केंद्रीय मंत्री था जो गुजरात जाता था और राज्य के मुद्दों को देखता था। पवार ने कहा कि मेरी और सिंह की राय थी कि हमें (तत्कालीन सीएम मोदी के खिलाफ) प्रतिशोध की राजनीति नहीं रखनी चाहिए। हमारी राय थी कि हमें स्थापित ढांचे (प्रशासन के) से बाहर नहीं जाना चाहिए और हमने ऐसा कभी नहीं किया।”
हालांकि, राकांपा नेता ने कहा कि यूपीए गठबंधन के कुछ सदस्यों ने गुजरात सरकार में कुछ लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। वहीं उन्होंने अपनी बातों में यह भी साफ़ किया कि वह साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा शासित मोदी सरकार का समर्थन करने की इच्छा रखते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी पार्टी के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि उनका मानना है कि एक समान विचारधारा वाले लोग साथ में आए और देश का नेतृत्व करें।