SC का फैसला बाकी… अखिलेश ने ठहराया BJP को गलत, तो अपने अंदाज में जजमेंट देने लगे यूजर्स

नई दिल्ली। हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा मामले के बाद एक्शन में आए दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। मामले की सुनवाई भी जारी है। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि फिलहाल के लिए यथास्थिति बरकरार रखी जाए। फैसला आने तक दिल्ली नगर निगम किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेगा। वहीं अगली सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है, साथ ही इन दो हफ़्तों में केद्र और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा है। मगर कोर्ट का फैसला आने से पहले एक जंग ट्विटर पर भी शुरू हो गई है, जिसमें सभी अपने आप में जज बन मामले को सही या गलत ठहरा रहे हैं।
खबरों के मुताबिक़ जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया गया। हालांकि कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुलडोजर चलाना बंद कर दिया गया लेकिन तब तक बहुत सारे अवैध निर्माण पर बुलडोजर चल गया था। इसको लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए एक वीडियो शेयर किया है।
बता दें, सपा प्रमुख द्वारा शेयर किए गए वीडियो में एक बच्चा अपनी टूटी दुकान से पैसे बीनते हुए दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के साथ अखिलेश ने लिखा की भाजपा ने बुलडोजर को अपनी गैर कानूनी ताकत दिखाने का प्रतीक बना लिया है। मुसलमान व अन्य अल्पसंख्यक, पिछड़े व दलित इनके निशाने पर हैं। अब तो इनके उन्माद का शिकार हिंदू भी हो रहे हैं। भाजपा दरअसल संविधान पर ही ये बुलडोजर चला रही है। भाजपा बुलडोजर को ही अपना प्रतीक चिन्ह बना ले।
अखिलेश द्वारा शेयर किए गए वीडियो पर कई लोग उनके समर्थन में कमेंट कर रहे हैं तो वहीं कुछ यूजर उन पर तंज कसते हुए अपनी बात कह रहे हैं। कुमुद वर्मा नाम के हैंडल से लिखा गया कि कहीं अगला निशाना आप ही ना हो? राजू नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘आपका ट्वीट करना जरूरी था क्योंकि आपकी चुप्पी अखर रही थी।’
अनुराग निषाद कमेंट करते हैं, ‘ शायद आप भूल गए हैं कि 2012 के चुनाव प्रचार के दौरान आप ने मंच से कहा था कि लखनऊ में बने अंबेडकर स्मारकों पर बुलडोजर चलवा दिया जाएगा। यह आईडिया आपका ही था, जो अभी जे पी सरकार द्वारा लागू कर दिया गया है। आप दोनों ही तोड़फोड़ की राजनीति करते हैं और संविधान की धज्जियां उड़ाते हैं।
नेहा गौतम ने कमेंट किया, ‘उस वक्त आप कहां थे जब पत्थर चलाए जा रहे थे, हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को नहीं देखते हैं।’
महिंद्र विक्रम नाम की एक टि्वटर हैंडल से पूछा गया कि अखिलेश जी आपके बंगले के सामने कुछ नौजवान चाय की गुमटी लगाना चाहते हैं, कब भेजें?
देवेंद्र नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘देश के लोगों को संविधान पढ़ने की आवश्यकता है वरना यह सरकार जल्द ही सब कुछ खत्म कर देगी।’ अनुभव अग्रवाल लिखते हैं, ‘ खाली ट्विटर पर लिखना, आप सामने आ जाएंगे तो बहुत संकट समाज आपसे नाराज हो जाएगा।’