RBI ने अचानक बढ़ाया रेपो रेट, स्मार्टफोन से लेकर घर तक की EMI पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली। लंबे समय के बाद बुधवार को रिजर्व बैंक ने एक ऐसा ऐलान कर दिया है, जिसने इस बढ़ती महंगाई के माहौल में आम आदमी के लिए और भी अधिक मुसीबतें पैदा कर दी हैं। दरअसल, आरबीआई ने अचानक इस बात का ऐलान किया कि अब से वह रेपो रेट बढ़ा रहा है। बता दें, आरबीआई ने अपने ऐलान में 0.40 फीसदी रेपो रेट बढ़ाने की बात की है। यानी अब से रेपो रेट बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया है।
अब आपमें से कई लोग सोच रहे होंगे कि आखिर ये रेपो रेट क्या बला है और इसका हमसे क्या लेना देना है। तो ध्यान रहे कि रेपो रेट वो डर है, जिस दर से आरबीआई बैंकों को उपलब्ध कराए जाने वाले पैसे पर ब्याज लेता है।
स्पष्ट शब्दों में समझा जाए तो जैसे हम फ्रिज, टीवी और स्मार्टफोन लेने के लिए बैंक से पैसा कर्ज लेते हैं और बैंक उस कर्ज दिए गए पैसे पर ब्याज लेता है। ठीक वैसी ही बैंकों को भी रिजर्व बैंक से लिए गए पैसे पर ब्याज देना होता है। रेपो रेट उसी ब्याज की दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों से पैसे वसूलता है।
अब आते हैं मुद्दे कि बात पर कि इससे आपकी जेब पर क्या असर पडेगा। तो बता दें कि जब आरबीआई अपना रेपो रेट बढाता है तो बैंक भी उसी के मुताबिक़ सामान्य जन को दिए जाने वाले कर्ज पर अपनी ब्याज दरों में इजाफा करते हैं। यानी अब से ईएमआई पर आप स्मार्टफोन लें या फिर भले ही घर-जमीन आपको भी बैंक को पहले से अधिक ब्याज देना होगा।
खबरों के मुताबिक़ रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अचानक प्रेस कांफ्रेस किया। गवर्नर दास ने कांफ्रेंस में बताया कि रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के हालात पर चर्चा करने के लिए बैठक की। इस बैठक में एमपीसी के सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया।
बताया जा रहा है कि एमपीसी ने यह फैसला बेकाबू होती महंगाई के कारण लिया। आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी और 7 फीसदी पर पहुंच गई। खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई के कारण हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा जिओपॉलिटिकल टेंशन ने भी महंगाई को बढ़ाया है।