AIMIM के विलय प्रस्ताव पर भड़के राउत तो फडणवीस बोले- फर्क नहीं पड़ता, भाजपा को मिले काम पर वोट

नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनावों के बाद से इस मामले ने सियासी गलियारों में तूल पकड़ ली है कि ऑल इंडिया मजिलसे इत्तेहादुल मुसलमीन यानी AIMIM के भाजपा के साथ सीक्रेट रिश्ते हैं। इसका सीधा असर यूपी चुनावों में साफ देखने को मिला है। ऐसे में AIMIM को भाजपा की बी पार्टी भी कहा जा रहा है। ऐसे में इन बातों का खंडन करने के उद्देश्य से हैदराबाद में AIMIM ने शिवसेना को विलय का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद इस मामले में सियासत और तेज हो गई।

खबरों के मुताबिक़ विलय प्रस्ताव को लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है कि AIMIM के साथ कभी हमारा विलय हो सकता है।

वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि शिवसेना-एआईएमआईएम से गठबंधन करे तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

फडणवीस का कहना है कि लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी और हम जो काम करते हैं, उसे देखकर वोट दिए हैं। बाकी सारे दल एक जैसे हैं, यदि ये सब मिल भी जाएं तो कोई फर्क नहीं आएगा। लेकिन ये देखना है कि शिवसेना और AIMIM किस प्रकार साथ में आते हैं।

उधर, सांसद जलील ने कहा कि हमें हमेशा भाजपा की जीत का जिम्मेदार ठहराया जाता है। यह भी कहा जाता है कि हम भाजपा की ‘बी’ टीम हैं। इसलिए हम कांग्रेस को प्रस्ताव देते हैं कि वह हमारे साथ गठबंधन कर ले। चूंकि वे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ हैं, इसलिए वह कभी हमारे साथ गठबंधन के लिए तैयार नहीं होंगे।

वहीं एआईएमआईएम से गठबंधन की सियासी चर्चा पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि इम्तियाज जलील AIMIM के सांसद हैं। मैं उनसे मिलता रहता हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनके साथ गठबंधन कर रहे हैं। हम AIMIM के साथ गठबंधन बनाने की कल्पना नहीं कर सकते। हां, AIMIM और BJP के बीच एक गुप्त गठबंधन है, जिसे आपने उप्र के चुनाव में देखा होगा।

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