एनडीए में यूटर्न’ पर राजभर ने लगाया ब्रेक, कहा- बस लोकसभा चुनावों पर हमारा फोकस

नई दिल्ली। यूपी में प्रचंड जीत के बाद जहां भाजपा प्रदेश में नई सरकार बनाने की तैयारियों में लगी हुई है, वहीं यह खबर आ रही थी कि विधानसभा चुनावों में सीएम योगी को सत्ता से हटाने का दम भरने वाले सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर यूटर्न लेकर भाजपा गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इस खबर के सामने आने के बाद ही ओपी राजभर ने इस खबर का खंडन कर दिया है।
खबरों के मुताबिक़ ओमप्रकाश राजभर ने खुद सामने आकर सुभासपा के बीजेपी के साथ जाने की अटकलों पर विराम लगा दिया है।
ओमप्रकाश राजभर ने इस तरह की खबरों को निराधार बताते हुए कहा है कि हम समाजवादी पार्टी के साथ हैं। उन्होंने कहा है कि हम स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। एक-एक विधानसभा के चुनाव परिणाम की समीक्षा की जा रही है। हम अब 2024 की तैयारी में हैं।
उन्होंने बीजेपी नेताओं से मुलाकात की खबरों पर कहा कि मेरी बीजेपी के बड़े नेताओं से 2019 के पहले मुलाकात हुई थी। आखिरी बार दिल्ली भी तभी गया था जब इस्तीफा देना था।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मेरी पार्टी के किसी भी नेता ने मुझे फोन नहीं किया, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि जो भी लड़ाई लड़ रहा है, वह उनके लिए लड़ रहा है।
राजभर ने कहा कि एक टाइम था जब राम मंदिर मुद्दा हल होगा, ये कोई नहीं सोच रहा था। कांग्रेस के एक नेता ने भी बहुत पहले तीन तलाक के मुद्दे पर कानून बनाने की मांग की थी। हमें भरोसा है कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट आज नहीं तो कल, योगी जी करें या अखिलेश यादव या मायावती, कोई न कोई इसे लागू करेगा।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी ने पांच साल तक सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग नहीं मानी। पहले वे ये रिपोर्ट लागू करें। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा गठबंधन बनाने की तैयारी का जिक्र किया और कहा कि लीडर कोई भी होगा, हम सब एक साथ होंगे। सभी साथ बैठकर उस मोर्चे का नेता तय करेंगे और उसके नेतृत्व में ही 2024 का चुनाव लड़ा जाएगा।
बता दें, ओमप्रकाश राजभर की ओर से ये स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब उनकी पार्टी के बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ जाने की खबरें आ रही थीं। गौरतलब है कि इस तरह की खबरें आई थीं कि ओमप्रकाश राजभर ने अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और सुनील बंसल से मुलाकात की है। राजभर को लेकर ये भी कहा जा रहा था कि उन्हें योगी सरकार में मंत्री भी बनाया जा सकता है।