पीएम मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत बच्चों को दिया ‘विशेष मंत्र’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांचवें संस्करण में विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने तालकटोरा स्टेडियम के टाउन हॉल इंटरएक्टिव प्रारूप में कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थियों, बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा-‘ऑफलाइन जीवन शुरू करने से पहले, अपने आधार को मजबूत करने के लिए ऑनलाइन अवसर का उपयोग करें।’ बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।
मोदी ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन शिक्षा के सवाल पर कहा दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा। मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है। जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं।
#WATCH जितना आइपैड, मोबाइल फोन के अंदर घुसने में आनंद आता है, उससे हज़ार गुना आनंद अपने भीतर घुसने का होता है। दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे। जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे:प्रधानमंत्री pic.twitter.com/XRlmFrU9H0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2022
उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है। माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। हमें इसे एक अवसर मानना चाहिए न कि समस्या। प्रधानमंत्री ने शनिवार से शुरू होने जा रहे विक्रम संवत 2079 की शुभकामनाएं दीं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने नवोदय विद्यालय समिति और केंद्रीय विद्यालय संगठन के विद्यार्थियों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
उन्होंने कहा कि आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। हमें इसे एक अवसर मानना चाहिए, न कि समस्या। हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऑनलाइन पढ़ाई को एक रिवॉर्ड के रूप में अपने टाइमटेबल में रख सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि उन्हें अपने मन में यह तय कर लेना चाहिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाली परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता है।
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि खुद को जानना बहुत जरूरी है। उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें। फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं। आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए।