दिल्ली में मिला एक और ओमिक्रॉन संक्रमित, WHO ने कहा- बड़े संकट की है दस्तक

नई दिल्ली। बीते दो सालों के कोरोना संकट से अभी देश ने थोड़ा उबरना शुरू ही किया था कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने फिर से जनता में खलबली मचा दी है। दिन-ब-दिन इस नए वेरिएंट के मामले दुनिया के साथ ही देश में अपना पैर पसार रहे हैं। ताजा मामले में यह जानकारी सामने आई है कि दिल्ली में दूसरा ओमिक्रॉन केस भी सामने आ गया है। इसी के साथ अब देश में इस नए कोरोना वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या 33 हो गई है।
खबरों के मुताबिक नए संक्रमित पाए गए शख्स की ट्रेवर्ल हिस्ट्री में साउथ अफ्रीका भी शामिल है। बता दें दिल्ली में विदेशों से आए लोगों में से 27 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इनका सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। अब तक 25 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जबकि दो लोग ओमिक्रॉन पॉजिटिव मिले हैं।
पूरे देश की बात करें तो इस नए वेरिएंट से संक्रमण के मामले में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 17, राजस्थान में 9, गुजरात में 3, दिल्ली में 2 और कर्नाटक में दो केस मिले हैं। वहीं राहत की बात ये है कि राजस्थान में सभी 9 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। महाराष्ट्र के पुणे में भी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उधर कर्नाटक से एक ओमिक्रॉन मरीज दुबई भाग गया है।
वहीं ओमिक्रॉन पर WHO की रिपोर्ट के अनुसार यह बताया जा रहा है कि कोरोना का यह नया वेरिएंट पहले से अत्याधिक संक्रामक और खतरनाक साबित हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने से पूरी दुनिया में इसके मरीजों की हॉस्पिटलाइजेशन की दर भी बढ़ने की आशंका है। शुरुआती आंकड़ों में भले ही मौत का खतरा कम दिख रहा है, लेकिन ओमिक्रॉन के ज्यादा तेजी से फैलने से दुनिया भर में ही हॉस्पिटलाइजेशन रेट भी बढ़ेगा।
वहीं 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में सामने आने के बाद WHO ने ओमिक्रॉन को 26 नवंबर को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) घोषित करते हुए पूरी दुनिया को इस नए वैरिएंट से अलर्ट रहने को कहा था।
इसके साथ ही WHO ने पूरी दुनिया को आगाह करते हुए कहा है कि इस वैरिएंट को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही से अब जान जाने का खतरा है।
बताया जा रहा है कि जिन लोगों की इस वैरिएंट से मौत नहीं भी होगी, उन्हें भी लंबे समय तक कोविड से जूझना पड़ सकता है, या कोविड के बाद होने वाली समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमितों में कोविड से उबरने के बाद भी इसकी वजह से ऐसी बीमारी होती है, जिसके लक्षण तो माइल्ड रहते हैं, लेकिन इसमें इंसान को कमजोर करने की क्षमता होती है। अभी इस बीमारी को लेकर स्टडी शुरुआती चरण में ही है। साउथ अफ्रीका से सामने आ रहे शुरुआती डेटा से पता चलता है कि ओमिक्रॉन से री-इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है, हालांकि इस पर अभी पूरी रिपोर्ट आनी बाकी है।