राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय भारत की शिक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व कदम है : पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को धरातल पर लागू करने में केंद्रीय बजट 2022-23 की भूमिका को अहम बताते हुये कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश में शैक्षणिक सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर देगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ही है, जिसने वैश्विक महामारी के दौर में भी हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को शिक्षा क्षेत्र पर केंद्रीय बजट 2022-23 के सकारात्मक प्रभाव पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाना भारत के भविष्य को सशक्त बनाना है। हमारी सरकार ने बजट से पहले और बाद में हितधारकों के साथ बातचीत करने की एक नई परंपरा विकसित की है।
Talking about how this year’s Budget will give a boost to the crucial education sector. https://t.co/c4YpiOKL2S
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2022
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है। डिजिटल विश्वविद्यालय में वह क्षमता है, जो देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर सकता है। मैं सभी हितधारकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि डिजिटल विश्वविद्यालय जल्द से जल्द शुरू हो और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरे।
वेबिनार में प्रधानमंत्री ने शिक्षा पर बजट के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुये कहा कि 2022 के बजट में पांच बातों पर विशेष जोर दिया गया है। पहला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सार्वभौमिकरण है। दूसरा- कौशल विकास, तीसरा- शहरी नियोजन और डिजाइन, चौथा है अंतरराष्ट्रीयकरण यानी भारत में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय और पांचवां महत्वपूर्ण पक्ष है एवीजीसी- एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग, कॉमिक्स। इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ने हमारी शिक्षा प्रणाली को महामारी के इस समय में चालू रखा है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहे हैं। नवाचार हमारे यहां समावेश सुनिश्चित कर रहा है। ई-विद्या, वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब्स, डिजिटल यूनिवर्सिटी से हम अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा को गांवों तक ले जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने विश्व मातृभाषा दिवस का उल्लेख करते हुये कहा कि मातृभाषा में दी जाने वाली शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है। अनेक राज्यों में स्थानीय भाषाओं में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन की पढ़ाई शुरू हो चुकी है।इस बजट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास बहुत आवश्यक है।
बजट का सदुपयोग करने के बाबत प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है। बजट को यदि हम सही ढंग से, सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करें तो सीमित संसाधनों से भी हम बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।