भारत आए जापानी पीएम को मोदी का खास गिफ्ट, यूक्रेन संकट समेत इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

नई दिल्ली। बीते दिन यानी शनिवार को पीएम मोदी ने भारत दौरे पर आए जापानी पीएम से मिलाकात की और यूक्रेन संकट सहित कई अन्य अहम् मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने भेंट स्वरुप जापानी पीएम फुमियो किशिदा को ‘कृष्ण पंखी’ उपहार में दी। खास यह है कि उपहार में दी गई इस मोर पंखी को चंदन की लकड़ी पर नक्काशी कर के बनाया गया है। साथ ही इसके किनारों पर कलाकृति के माध्यम से भगवान कृष्ण की कई मुद्राओं को भी उकेरा गया है।
खबरों के मुताबिक़ एक रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इस ‘पंखी’ को पारंपरिक उपकरणों के जरिए उकेरा गया है, जबकि इसके ऊपरी हिस्से पर हाथ से नक्काशी कर तैयार की गई मोर की आकृति है जो भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।

यह ‘कृष्ण पंखी’ राजस्थान के चुरू जिले के कुशल कारीगरों ने बनाई है। यह कलाकृति शुद्ध चंदन की लकड़ी से बनी है, जो कि मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी भागों के जंगलों में मिलती है। दरअसल, जापानी पीएम 14वें भारत-जापान सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हिंदुस्तान की यात्रा पर हैं।
वहीं, मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए मोदी बोले, ‘‘भारत-जापान भागीदारी को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।’’
मोदी के मुताबिक, दुनिया अभी भी कोविड-19 और उसके दुष्प्रभावों से जूझ रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की प्रक्रिया में अभी भी अडचनें आ रही हैं। साथ ही भू-राजनीतिक घटनाएं भी नई चुनौतियां पेश कर रही हैं। इस दौरान किशिदा ने मोदी के साथ यूक्रेन संकट सहित अन्य मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
बाद में अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन (3,20,000 करोड़ रुपए) के निवेश लक्ष्य का ऐलान भी किया। यह घोषणा 2014 की निवेश प्रोत्साहन साझेदारी के अनुरूप है, जब दोनों पक्ष 2014 से 2019 तक 3.5 ट्रिलियन येन के जापानी निवेश के लिए सहमत हुए थे। दोनों पक्षों ने एक अलग स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने के अलावा कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए।