कालीचरण महाराज खजुराहो के होटल से गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महात्मा गांधी को लेकर अपशब्दों का प्रयोग करने वाले कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है। खबरों के मुताबिक कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित खजुराहो से रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया गया था। इस धर्म संसद में इस्तेमाल किए गए तीव्र और तीखे भाषणों को लेकर इन दिनों माहौल काफी गरमा गया है। दरअसल इस ‘धर्म संसद’ में धर्मगुरु कालीचरण ने गांधी जी को लेकर अपशब्दों का प्रयोग किया था, जिसका वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद लोगों ने इस वायरल वीडियो की कड़ी निंदा की। फिर क्या था… चुनावी तैयारियों के बीच इस वीडियो पर सियासत का खेल शुरू हो गया। मामले के तूल पकड़ने पर धर्मगुरु कालीचरण के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस ने खजुराहो के एक होटल से सुबह 4:30 बजे गिरफ्तार किया। कालीचरण महाराज को शाम 5 तक सड़क मार्ग से रायपुर लाया जा सकता है। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार करने आधा दर्जन टीमें बनाई थीं। ये टीमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में कालीचरण के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थीं।
गोडसे को किया था प्रणाम
गौरतलब है कि 26 दिसंबर को रायपुर के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर संत कालीचरण ने अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें मारने वाले नाथूराम गोडसे को साष्टांग प्रणाम किया था। इस मामले को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सिविल लाइन और रायपुर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
कालीचरण ने दोहराई थी अपनी बात
एफआईआर दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने एक वीडियो जारी कर अपने पुराने बयानों को दोहराया था। वीडियो में कालीचरण ने कहा था कि मुझे अपने बयान पर कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हूं। उन्होंने कहा था कि यदि सच बोलने की सजा मृत्युदंड है तो वह भी मुझे स्वीकार है। कालीचरण ने वीडियो में गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को महात्मा बताया था।
इन धाराओं में दर्ज हुई थी एफआईआर
महात्मा गांधी पर अपशब्द कहने को लेकर रायपुर पुलिस ने कालीचरण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) तथा 294 (अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था।