जरा संभलकर… आम सी दिखने वाली आंखों की ये तकलीफ ओमिक्रॉन का संकेत तो नहीं!

नई दिल्ली। इन दिनों देश में बढ़ते कोरोना और उसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर काफी पशोपेश की स्थिति बनी है। ऐसे में कुछ डॉक्टरों का कहना है कि ओमिक्रॉन का पहला लक्षण संक्रमितों की आंखों में देखा जा सकता है। बता दें, इससे पहले अभी तक ओमिक्रॉन के लक्षणों को लेकर केवल यही बात सामने आई थी कि इसमें लक्षणों के तौर पर लोगों में डायरिया, खांसी, बहती नाक या गले में खराश की स्थिति देखी जा सकती है। हालांकि, ताजा मामले में डॉक्टरों ने साफ़ किया कि कुछ मामलों में संक्रमितों में शुरुआती समय में केवल आंखों से संबंधित लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसलिए इनकी जानकारी होना भी अतिवाश्यक है।
खबरों के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘आंखों से जुड़ी समस्या’ को असामान्य या कम दिखाई देने वाले लक्षणों के रूप में सूचीबद्ध किया है। इसमें आंखों से जुड़े एक या एक से ज्यादा लक्षण शामिल हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि आंखों में गुलबीपन या आंख के सफेद भाग और पलक की परत पर सूजन (कंजेक्टिवाइटिस) ओमिक्रॉन इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।
इसके अलावा, आंखों में लालपन, जलन और दर्द भी नए वैरिएंट के संक्रमण की निशानी है। आंखों से धुंधला दिखाई देना, लाइट सेंसिटिविटी या आंख से पानी बहना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
वहीं जून 2020 में प्रकाशित एक स्टडी का विश्लेषण बताता है कि कोरोना मरीजों में 5 प्रतिशत आंखों से जुड़ी समस्या कंजेक्टिवाइटिस का शिकार हो सकते हैं।
हालांकि, केवल आंखों से जुड़े लक्षण दिखने का मतलब ये नहीं है कि आपको ओमिक्रॉन का संक्रमण है। कई बार आंखों से जुड़ीं समस्याएं दूसरी वजहों से भी हो सकती हैं। इसलिए कोविड के अन्य लक्षणों पर भी गौर करें।
बता दें कि भारतीय शोधकर्ताओं ने कोरोना में आंखों से जुड़े लक्षणों को दुर्लभ माना है। उनका कहना है कि ये किसी इंसान के संक्रमित होने का शुरुआती लक्षण हो सकता है और इसे एक प्रारंभिक चेतावनी समझा जा सकता है।
हालांकि, कुछ स्टडीज ने आंखों से जुड़े लक्षणों की व्यापकता को अधिक बढ़ा दिया है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि 35.8 फीसद हेल्दी लोगों की तुलना में 44 फीसद कोविड के मरीज आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। इसमें आंख से पानी बहना और लाइट सेंसिटिविटी जैसे लक्षण सबसे ज्यादा कॉमन हैं।
BMJ Open Ophthalmology में प्रकाशित एक प्रारंभिक अध्ययन के मुताबिक, कोविड-19 के 83 मरीजों में से 17 प्रतिशत ने आंखों में जलन और 16 फीसद ने आंखों में दर्द महसूस किया। मरीज के रिकवर होने के साथ-साथ उसकी आंखों की कंडीशन में भी सुधार आ सकता है। वहीं, ‘किंग्स कॉलेज स्टडी ऑफ लॉन्ग कोविड’ की मानें तो 15 प्रतिशत लोगों ने इंफेक्शन के एक महीने बाद कंजेक्टिवाइटिस या आंख में लालपन जैसे लक्षणों की सूचना दी है।