साल 2022 में SC का न्यायिक इतिहास किया जाएगा याद, 3 माह में बनेंगे 3 CJI

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक इतिहास में साल 2022 अपनी एक अलग पहचान दर्ज करने वाला है। दरअसल, इस साल कुछ ऐसा इत्तेफाक बन रहा है कि इस साल तीन महीनों के अन्दर देश की सर्वोच्च अदालत को तीन नए मुख्य न्यायाधीश मिलेंगे। बत दें, मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उनके बाद जस्टिस उदय यू. ललित मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी संभालेंगे, जिनका कार्यकाल करीब दो महीने रहेगा।

वहीं 8 नवंबर को उनके रिटायरमेंट के बाद जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ इस कुर्सी पर बैठेंगे। वह करीब दो साल तक चीफ जस्टिस रहेंगे। इस तरह 76 दिनों के अंतराल पर देश को तीन चीफ जस्टिस देखने को मिलेंगे।

खबरों के मुताबिक़ इससे पहले 1991 में नवंबर और दिसंबर महीनों के बीच सुप्रीम कोर्ट में तीन चीफ जस्टिस बने थे। जस्टिस रंगनाथ मिश्रा बतौर सीजेआई 24 नवंबर 1991 को रिटायर हुए। उसके बाद जस्टिस कमल नारायण सिंह ने ये पद संभाला, लेकिन वह महज 17 दिन ही देश के इस सबसे बड़े न्यायिक पद पर रहे। सबसे कम समय के कार्यकाल का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है। उनके रिटायर होने के बाद 13 दिसंबर 1991 को जस्टिस एमएच कनिया ने मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला।

3 महीने के अंदर 3 देश के मुख्य न्यायाधीश का ये भले ही दूसरा मामला हो, लेकिन एक साल के अंदर 3 सीजेआई कई बार नियुक्त हो चुके हैं। 1954 से शुरू हुआ ये सिलसिला 2017 तक देखने को मिला है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस का कोई न्यूनतम कार्यकाल निर्धारित नहीं है। जज वरिष्ठता के आधार पर इस पद तक पहुंचते हैं और 65 साल की उम्र पूरा होने तक रहते हैं।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल मानते हैं कि हर सुप्रीम कोर्ट के हर चीफ जस्टिस का कार्यकाल कम से कम 3 साल तय किया जाना चाहिए। इससे उन्हें न्यायिक और प्रशासनिक मुद्दों को समझने और केसों के अंबार से निपटने की समस्या को सुलझाने का वक्त मिल सकेगा। वह कहते हैं कि सीजेआई का 3 साल का कार्यकाल कॉलेजियम के स्तर पर ही सुनिश्चित किया जा सकता है।

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