‘पाक’ छात्रा को यूक्रेन से बाहर निकलने में भारत ने की मदद, सुमी में फंसे 700 छात्र भी सुरक्षित

नई दिल्ली। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के साथ पाकिस्तानी स्टूडेंट को युद्ध प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकाल कर भारतीय संस्कृति का अनूठा परिचय पेश किया है। वहीं यूक्रेन से बाहर आने वाली उस पाकिस्तानी छात्रा ने भी इस काम के लिए यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास और पीएम मोदी की तारीफ़ करते हुए उनका आभार प्रकट किया है।
खबरों के मुताबिक़ पाकिस्तानी छात्रा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते कीव में फंस गई थी। वह भारतीय दूतावास की मदद से सुरक्षित स्थान तक पहुंच पाई। ऐसे में छात्रा ने वीडियो जारी कर भारतीय दूतावास और पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है।
#WATCH | Pakistan's Asma Shafique thanks the Indian embassy in Kyiv and Prime Minister Modi for evacuating her.
— ANI (@ANI) March 9, 2022
Shas been rescued by Indian authorities and is enroute to Western #Ukraine for further evacuation out of the country. She will be reunited with her family soon:Sources pic.twitter.com/9hiBWGKvNp
अस्मा शफीक नाम की पाकिस्तानी छात्रा ने वीडियो जारी कर कहा, मैं पाकिस्तान से हूं। मैं कीव में भारत के दूतावास का धन्यवाद करती हूं, कि उन्होंने कठिन परिस्थिति में हमारी मदद की। मैं भारत के पीएम का भी धन्यवाद करती हूं। हमारी मदद करने के लिए धन्यवाद। भारतीय दूतावास की वजह से हम अपने घर सुरक्षित पहुंच पा रहे हैं।
बता दें, यूक्रेन और रूस के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। ऐसे में वहां भारतीय छात्र समेत दुनिया के तमाम देशों के नागरिक फंसे हैं। केंद्र सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है। इसके तहत यूक्रेन के कीव, खारकीव समेत अन्य शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को भारत लाया जा रहा है।
जानकारी यह भी है कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से पहले करीब 20000 भारतीय फंसे थे। केंद्र सरकार के मुताबिक, अब तक 17,100 भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से लाया जा चुका है। उधर, सुमी में फंसे 700 भारतीय भी ह्यूमैन कॉरिडोर के जरिए मंगलवार को शहर से बाहर लाए गए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इन छात्रों को पोल्टावा लाया गया है। यहां से वे ट्रेन के जरिए पश्चिमी यूक्रेन लाए जाएंगे।