पैरालिम्पिक्स (Paralympics) में भी भारतीय खिलाड़ियों ने लहराया परचम, आया गोल्ड मेडल।
ओलंपिक्स के बाद टोक्यो में ही आयोजित पैरालिम्पिक्स में भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं देश के होनहार खिलाडी।

ओलंपिक्स के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टोक्यो 2020 में दिखा। इसी कड़ी को कायम रखते हुए अब पैरालिम्पिक्स (Paralympics) में भी भारत के खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखा रहे हैं। अगर ओलंपिक्स की बात की जाए तो पुरे ओलंपिक्स में कुल 7 मेडल आए, उसके अलावा भी कई ऐसे खिलाडी उभर कर सामने आए जिन्होंने अपने खेल के हुनर की मौजूदगी पूरी दुनिया को दिखा दी, जिससे भविष्य में ओलंपिक्स के और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदें जुड़ गयी हैं।
अगर हम पैरालिम्पिक्स (Paralympics) से तुलना करें तो खेल श्रृंखला को खत्म होने में अभी भी कुछ दिन शेष हैं, और सोमवार 30 अगस्त को ही भारत के नाम 7 मेडल हो चुके हैं। इन मेडल में एक स्वर्ण, 4 रजत को मिलकर 2 कांस्य हैं। खेल श्रृंखला 24 अगस्त से शुरू होकर 5 सितम्बर तक चलने वाली है, इसे देखते हुए पुरे भारत की और पदक जीतने की उम्मीदें बढ़ गयीं है।
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मेडल तालिका को के हिसाब से भारत 34वें स्थान पर है। तो वही 119 मेडल के साथ चीन पहले, 64 मेडल के साथ इंग्लैंड दूसरे और 46 मेडल के साथ अमेरिका तीसरे स्थान पर है।
भारत के कुल 57 खिलाड़ियों ने पैरालिम्पिक्स में भाग लिया है। उनमे से अभी तक भारत को 7 मेडल जिताने वाले खिलाडी हैं – अवनि लेखरा (स्वर्ण -शूटिंग), दवेंद्र झाझरिया (रजत – जेवलिन थ्रो), योगेश कथूनिया (रजत – डिसकस थ्रो), निषाद कुमार (रजत- हाई जम्प), भावनाबेन पटेल (रजत-टेबल टेनिस), विनोद कुमार (कांस्य- डिसकस थ्रो), सुन्दर सिंह (कांस्य -जेवलिन थ्रो)
इतिहास रचते हुए अवनि लेखरा ने तो स्वर्ण पदक जीता ही लेकिन टेबल टेनिस में भी भावनाबेन पटेल ने इतिहास रचा। यह ओलंपिक्स और पैरालिम्पिक्स में भारत का टेबल टेनिस में पहला मेडल था। तो वहीं सुमित और संदीप अपने बेहतर प्रदर्शन से जेवलिन थ्रो के फाइनल्स में प्रवेश कर मेडल की उम्मीदों को और बढ़ा दिया है।
AUTHOR – SHRADHA TIWARI