इतिहास गवाह… जिसने यहां लहराया परचम सत्ता उसी की, बड़ी ख़ास हैं यूपी विधानसभा की ये दो सीटें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनावों का समय काफी नजदीक आ चुका है। इसी बीच सभी राजनैतिक दलों में दलबदल का खेल भी जारी है। ताजा खबर यह है कि भाजपा की धुर विरोधी समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह की छोटी बहू भी सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। ऐसे में यह देखना बड़ा ही रोमांचक होगा कि साल 2022 के विधानसभा चुनावों में आखिर सत्ता पर कौन सा दल काबिज होता है और किसे प्रदेश का सिंघासन मिलता है।
मगर अटकलों और कयासों पर गौर करें तो पिछली बार की तरह ही इस बार भी भाजपा के पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की बात निकल कर सामने आ रही है। यह कयास हाल ही में कुछ प्रतिष्ठित न्यूज चैनलों द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर हैं।
फिर भी इन सबके बाजवूद यह ध्यान देने वाली बात है कि यूपी की सत्ता की चाभी उसी दल के हाथ लगी है, जिसके विधायक ने लखनऊ उत्तर और बीकेटी यानी बक्शी का तालाबी सीट पर अपना परचम लहराया है। इस बात का तो इतिहास गवाह रहा है।
बताया जाता है कि ये दोनों विधानसभा क्षेत्र यानी लखनऊ उत्तर और बक्शी का तालाब पूर्व में एक ही सीट हुआ करते थे, जिसे महोना के नाम से जाना जाता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यूपी की सत्ता का रास्ता इस विधानसभा क्षेत्र से होकर ही गुजरता है।
बता दें, साल 2017 के विधानसभा चुनाव लखनऊ उत्तर से भाजपा के डॉ. में नीरज बोरा व बीकेटी से भाजपा के अविनाश त्रिवेदी ने जीत का परचम लहराया और पूर्ण बहुमत के साथ यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने सत्ता संभाली।
ऐसे में यूपी में वर्ष 2022 में कौन सी पार्टी सत्ता पर काबिज होगी इसके लिए भी तमाम तरह के कयास लगने शुरू हो चुके हैं।
इससे पहले साल 2002 में महोना से सपा के राजेन्द्र यादव ने जीत दर्ज की थी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सरकार बनी थी।
साल 2007 में इस सीट से बसपा के नकुल दुबे जीते और प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री बनी। वहीं साल 2012 में लखनऊ उत्तर और बक्शी का तालाब सीट अस्तित्व में आई।
साल 2012 में लखनऊ उत्तर से सपा के अभिषेक मिश्रा व बीकेटी से भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए गोमती यादव ने जीत दर्ज की और अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनी थी।
ऐसे में अब यह देखना बहुत ही रोमांचक रहेगा कि इस बार इन विधानसभा सीटों पर किस पार्टी का परचम लहराता है और फिर से सत्ता की कुर्सी किस दल के हाथों में आती है, जबकि भूमिका और माहौल पहले से ही भाजपा के पक्ष में पूरा माहौल बनाए हुए हैं।