इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों पर सरकार सख्त, दिए ये निर्देश

एक ओर जहां पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की तादात में इजाफा हुआ वहीं दूसरी तरफ ये वाहन लोगों की मौत का कारण बन गए हैं। वजह ये है कि हाल ही में इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने के मामलों ने काफी तेजी पकड़ी है। जिनमें कई लोगों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा।
खबरों के मुताबिक, सरकार ने इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनियों से फिलहाल नए मॉडल बाजार में उतारने को नहीं कहा है। सरकार ने ईवी कंपनियों को निर्देश दिया है कि जब तक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना की जांच पूरी नहीं हो जाती है और सही कारण का पता नहीं चलता है तब तक नए वाहन लॉन्च नहीं करे। गौरतलब है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही देश में कई जगहों पर ई-स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई थी। इसमें कई लोग हताहत भी हुए थे।
यही वजह है कि इस मामले में सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनियों पर नए मॉडल बाजार में उतारने को लेकर पाबंदी लगा दी है।
जानकारी के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के साथ एक बैठक में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि अगर कोई कंपनी दोषपूर्ण वाहनों को रिकॉल करने में देरी करती है या सुरक्षा मानकों के साथ चूक करती है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। इसके साथ ही कंपनियों से कहा गया कि वह नियमों पर खड़े नहीं उतने वाले वाहनों को बाजार में लॉन्च नहीं करें। साथ ही कंपनियां अपने स्तर पर आग लगने की घटना की जांच करें। वहीं, जब तक आग लगने की घटना की जांच पूरी नहीं हो जाती है जब तक नए मॉडल बाजार में लॉन्च नहीं करें।
बता दें, इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कंपनियों से गड़बड़ी वाले वाहनों को वापस मंगाने को लेकर तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद ओला, ओकिनावा और प्योर ईवी जैसी कई कंपनियों ने 7000 से अधिक इलेक्ट्रिक टू व्हीलर को वापस मंगाकर उनकी जांच शुरू कर दी। अब जांच के बाद भले ही इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं की तरह से स्पष्टीकरण कुछ भी आए। लेकिन इन घटनाओं के बाद लोगों के मन में इन वाहनों को लेकर संशय जरूर पनप गया है।