‘धर्म संसद’ मामले पर गडकरी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- भड़काऊ भाषण देने वालों पर कार्रवाई जरूरी

नई दिल्ली। बीते साल यानी दिसंबर माह में हरिद्वार में आयोजित हुई जिस धर्म संसद के बयानों पर काफी समय से बवाल बना हुआ था। इस मामले में आज शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने न केवल धर्म संसद में दी गए भड़काऊ भाषण की निंदा की, बल्कि ऐसे भाषण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने को लेकर भी सहमती जताई।
खबरों के मुताबिक़ नितिन गडकरी ने यह बयान एक निजी चैनल के प्रोग्राम में बातचीत के दौरान दिया। गडकरी ने हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ भाषण को लेकर कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में जो भाषण किया था, उसमें उन्होंने कहा था कि हमारा धर्म सहिष्णुता के आधार पर है। सहजता के अधार पर है। सरलता के आधार पर है। हमारे राजाओं ने कभी किसी के पूजा स्थलों को नहीं तोड़ा। हम विस्तारवादी नहीं हैं। हम यही कहते हैं कि पूरे विश्व का कल्याण हो। यही हमारी संस्कृति है। इसलिए यही विचार मुख्य विचार है।
उन्होंने अपनी बातों में आगे कहा कि ऐसे में कोई अगर इसके विपरीत बातें करता है, तो वो हमारी मुख्य विचारधारा नहीं है। उसको नकारना चाहिए। चाहे वह किसी भी धर्म से हो। उसको महत्व नहीं देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा। जो कानून में अधिकार है, उसके आधार पर अपना काम करेंगे।
वहीं बुल्ली बाई ऐप मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि समाज में छोटे-मोटे लोगों के कुछ गलत करने से उसको पूरे समाज के साथ जोड़ना उचित नहीं होता है। जो गलत है वो गलत है, जो सही है वो सही है। कानून अपना काम करेगा। इसमें उचित कार्रवाई की जाएगी।