सीएम योगी के सख्त कदमों का असर, साम्प्रदायिक दंगों की आंच से यूपी बेअसर!

लखनऊ। हाल ही में जिस तरह से देश में जगह-जगह साम्प्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए हैं, उससे शासन से लेकर प्रशासन तक टेंशन में है। मगर, बात अगर यूपी की करें तो रामनवमी से लेकर हनुमान जयंती तक पर इन साम्प्रदायिक मुद्दों की आंच यूपी तक पहुंचने में कामियाब नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि सीएम योगी के कड़क और सख्त क़दमों का ही असर है कि यूपी में धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा सामने नहीं आई।
वहीं सीएम ने थानाध्यक्ष, सीओ, एसपी, डीएम, मंडलायुक्त से लेकर तमाम प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों की छुट्टी 4 मई तक तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और ड्रोन का उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में रामनवमी और हनुमान जयंती शांतिपूर्ण तरीके से बीता है। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो यूपी की कानून व्यवस्था में कड़क ‘योगी’ छाप साफ दिख रहा है।
रामनवमी में जिस प्रकार से मध्य प्रदेश और राजस्थान में मामले सामने आए या फिर कर्नाटक, गुजरात में जो कुछ हुआ, उस प्रकार की स्थिति यूपी में नहीं दिखी।
हनुमान जयंती पर दिल्ली में माहौल जिस प्रकार से गरमाया हुआ है, उसकी गूंज अभी तक जारी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में होने वाले पर्वों को लेकर अपनी तैयारियों को शुरू कर दिया है।
सभी पुलिस अधिकारियों को अपनी छुट्टियों को रद्द कर वापस लौटने का आदेश जारी किया है। सरकार आने वाले पर्व-त्यौहार के मौसम में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चौकस रखना चाहती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए कड़े फैसले लेने में कोई देर नहीं लगाई है। सीएम ने साफ कर दिया है कि अजान की आवाज मस्जिद परिसर में ही रहनी चाहिए। वहीं उन्होंने सड़कों पर किसी प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन न करने का आदेश जारी किया है।
बता दें, महाराष्ट्र से अजान बनाम हनुमान चालीसा का मुद्दा उठा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर पर अजान पढ़े जाने की स्थिति में हनुमान चालीसा बजाए जाने की घोषणा की है। इसको लेकर एक प्रकार का माहौल उत्तर प्रदेश में भी बनाया जा रहा था। इससे पहले कि मुद्दा भड़कता सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान देकर इस मुद्दे पर सरकार की स्थिति साफ कर दी है। संवेदनशील इलाकों में शाम को फुट पेट्रोलिंग पर जोर दिया गया है।
अभी रमजान का महीना चल रहा है। इसके बाद ईद और अक्षय तृतीया जैसे त्यौहार आने वाले हैं। इन त्यौहार के मौके पर सड़कों पर बड़ी चहल-पहल होती है। दोनों पर्व 3 मई को संभावित हैं। इस दौरान विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो, इसको लेकर विशेष तौर पर कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। करीब दो सप्ताह पहले से ही यूपी सरकार इसकी तैयारी में जुट गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून व्यवस्था की समीक्षा की। सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
योगी ने साफ किया है कि प्रदेश में सौहार्द्र, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। अव्यवस्था और अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। थानाध्यक्ष से लेकर एडीजी तक को अगले 24 घंटे के भीतर अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित लोगों के साथ संवाद बनाया जाए। सीएम योगी ने साफ किया है कि प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा सबका दायित्व है। इस दायित्व के प्रति हमें हर समय सतर्क और सावधान रहना होगा। तहसीलदार, एसडीएम, थानाध्यक्ष, सीओ जैसे अधिकारियों को अपने तैनाती वाले क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम का निर्देश दिया गया है। शोभायात्रा और धार्मिक जुलूस बिना अनुमति न निकाले जाने का भी आदेश दिया गया है। पारंपरिक धार्मिक जुलूसों को ही अनुमति दी जाएगी। नए आयोजनों को किसी भी स्थिति में अनुमति नहीं होगी।