हिजाब विवाद पर कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- स्कूल ड्रेस पर आपत्ति नहीं जता सकता छात्र

नई दिल्ली। हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन जजों की बेंच ने स्कूल-कॉलेजों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने को लेकर दायर की याचिका खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की प्रथा का अहम हिस्सा नहीं है। ऐसे में छात्र किसी भी तरह से स्कूल ड्रेस का पालन करने से इनकार नहीं कर सकते हैं।
खबरों के मुताबिक़ कोर्ट में फैसला मुख्य रूप से चार सवालों और उनके जवाबों को ध्यान में रखते हुए सुनाया है। जिसमें पहला सवाल यह था कि क्या इस्ताम में हिजाब पहनना अनिवार्य है? इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। इसलिए कोर्ट इसकी अनुमती नहीं दे सकता है।
वहीं यूनिफार्म प्रिस्क्रिप्शन पर बात करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह स्कूलों के लिए एक प्रतिबंध है, जिसे स्कूल के सभी बच्चों को मानना होगा। यानी छात्र स्कूल ड्रेस को लेकर किसी तरह की आपत्ति नहीं जता सकता है।
वहीं 5 फरवरी को स्कूलों में हिजाब को प्रतिबंधित करने के राज्य सरकार के फैसले पर बोलते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास इस बात का कोई साक्ष्य नहीं, जो इस बात को स्पष्ट करता हो कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया फैसला मनमाना है। ऐसे में शासनादेश को अमान्य करने का कोई कारण नहीं बनता है।
इसके अलावा कोर्ट ने इस बात को भी अपष्ट किया कि कॉलेज प्रशासन के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच का भी कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए कोर्ट इस मामले में दाखिल गई याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाती है।
बता दें, हाईकोर्ट के फैसले से पहले राज्यभर में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। कोप्पल, गडग, कलबुर्गी, दावणगेरे, हासन , शिवामोगा, बेलगांव, चिक्कबल्लापुर, बेंगलुरु और धारवाड़ में धारा 144 लागू कर दी गई है। शिवामोगा में स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। उधर, हाईकोर्ट के जज के आवास की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बता दें, हिजाब पर रोक को लेकर कुछ छात्रों ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इसे तीन जजों की बेंच में ट्रांसफर कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी थी।
इस पर 9 फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था।
लड़कियों ने याचिका दायर कर मांग की थी कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनकी आस्था का हिस्सा है।
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी। यहां उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं। इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था।
इसके बाद विवाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए। यहां तक कि मामला सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।