‘अमर जवान ज्योति’ पर बिगड़े विपक्ष को केंद्र का जवाब, कहा- उचित सम्मान के लिए शिफ्ट हो रही

नई दिल्ली। दिल्ली की पहचान माने जाने वाले इडिया गेट की भी एक अलग पहचान बन चुकी थी ‘अमर ज्योति’। इसे आज दोपहर करीब 3:30 बजे एक नेशनल वार मेमोरियल पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। यानी 50 सालों से इंडिया गेट पर जल रही अमर ज्योति की पहचान आज इसकी जगह बदलने के साथ ही बदल जाएगी। ऐसा एक समारोह के आयोजन के साथ किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षा एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे।
बता दें, इसे अंग्रेजों ने 1921 में उन भारतीय सैनिकों की याद में बनवाया था, जो पहले विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफ्रीकन युद्ध में शहीद हुए थे। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से, इंडिया गेट के नीचे एक ज्योति जल रही है। यह अमर ज्योति हर उस सैनिक को सलाम करती है, जिसने भारत के लिए अपनी जान कुर्बान की। इसे ‘अमर जवान ज्योति’ नाम दिया गया।
बताया जा रहा है कि पिछले 50 साल से लगातार जल रही अमर जवान ज्योति का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थित अमर जवान ज्योति में कर दिया जाएगा। इसी के साथ 50 साल का एक ऐतिहासिक सफर खत्म हो जाएगा।
आइए आपको बताते हैं इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति के बारे में 5 खास बातें जो अब शायद इतिहास का हिस्सा हो जाएंगी।
हालांकि, इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस मामले में मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए इसे शहीदों का अपमान बताया।
वहीं राहुल की बात पर पलटवार करते हुए केंद्र सरकार ने साफ़ किया है कि अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा, बल्कि शिफ्ट किया जा रहा है। वो भी ऐसे स्थान पर जो शहीदों की याद में बनाया गया है, जिसे कांग्रेस ने कभी वरीयता नहीं दी।
साथ ही यह भी साफ किया गया कि यह स्थान इडिया गेट से केवल 100 मीटर की दूरी पर ही है, जहां अब तक के सभी शहीद जवानों के नाम भी शामिल किए गए हैं, जिनकी याद में यह अमर जवान ज्योति 50 सालों से जल रही है। इस तरह हम उन शहीद जवानों को उचित सम्मान दे पाएंगे।