यूपी MLC चुनावों में भी भाजपा ने मारी बाजी… 33 सीटों पर जमाया कब्जा, सपा का सूपड़ा साफ  

लखनऊ। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सपा को धूल चटाने के बाद अब एमएलसी चुनावों में भी भाजपा ने अपना परचम लहराते हुए सभी का सूपड़ा साफ कर दिया। खास यह रहा कि सपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई। बताया जा रहा है कि 36 एमएलसी सीटों में से भाजपा ने 33 सीटों पर कब्जा जमाया है। इस तरह उत्तर प्रदेश में हुए स्थानीय निकाय क्षेत्र में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

खबरों के मुताबिक़ सूबे की 36 एमएलसी सीटों में से 9 सीट पर बीजेपी पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुकी थी और बाकी जिन 27 सीटों पर मतदान हुआ था, उनमें से 24 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। इस तरह से बीजेपी को सिर्फ तीन सीटों पर ही मात मिली है।

यूपी की 33 सीटों पर बीजेपी के एमएलसी चुने गए हैं, जिनमें से 9 सदस्य पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके हैं तो 24 ने मंगलावर को जीत हासिल की है।

ऐसे में जीतने भाजपा की ओर से जीतने वालों की बात करें तो बहराइच-श्रावस्ती सीट से प्रज्ञा त्रिपाठी, रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह, जौनपुर से बृजेश सिंह प्रिंशू, देवरिया-कुशीनगर सीट से रतनपाल सिंह, लखनऊ-उन्नाव सीट से रामचंद्र प्रधान, बाराबंकी से अंगद कुमार सिंह, आगरा-फिरोजाबाद से विजय शिवहरे, बलिया से रविशंकर सिंह पप्पू, प्रयागराज से डॉ केपी श्रीवास्तव, मेरठ से धर्मेंद्र भारद्वाज, सीतापुर से पवन सिंह चौहान, गाजीपुर से विशाल सिंह चंचल, मुरादाबाद से सतपाल सैनी, गोरखपुर से सीपी चंद, सुल्तानपुर से शैलेन्द्र प्रताप सिंह, बस्ती से सुभाष यदुवंश, फर्रुखाबाद से प्रांशु दत्त, झांसी से रमा निरंजन, गोंडा से अवधेश कुमार सिंह, अयोध्या से हरिओम पांडे, फतेहपुर से अविनाश सिंह चौहान और बरेली महाराज सिंह ने जीत हासिल की है।

वहीं दिलचस्प बात यह है कि सूबे की जिन तीन एमएलसी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां पर निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे हैं। निर्दलीय जीतने वाले तीनों ही प्रत्याशी ठाकुर समुदाय से हैं। वाराणसी-चंदौली-भदोही सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डा. सुदामा पटेल को निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह के हाथों मात खानी पड़ी है। बता दें, अन्नपूर्णा माफिया बृजेश सिंह की पत्नी हैं।

वहीं प्रतापगढ़ एमएलसी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह को करारी मात खानी पड़ी है। यहां पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है, जो राजा भैया की जनसत्ता पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे।

बताते चलें, अक्षय प्रताप सिंह भी बाहुबली माने जाते हैं और प्रतापगढ़ सीट से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह एमएलसी चुनाव में भी बीजेपी प्रतापगढ़ में जीत दर्ज नहीं कर सकी।

वहीं बीजेपी को तीसरी सीट आजमगढ़ में मात खानी पड़ी है, जहां पर बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह ने बगावत कर अपने बेटे विक्रांत सिंह को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारा था। आजमगढ़ एमएलसी सीट पर बीजेपी ने रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव को प्रत्याशी बनाया था तो सपा ने राकेश यादव पर फिर से दांव खेला था। बीजेपी ने यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन वो अपने बेटे को जिताने में कामयाब हो गए हैं।

बता दें कि इसी तरह से विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की जिन तीन सीटों पर जमानत जब्त हुई थी, उनमें से दो सीटों पर विधायक बने नेता ठाकुर थे तो एक मुख्य मुकाबले में रहा था। कुंडा सीट पर राजा भैया जनसत्ता पार्टी से जीते थे तो जौनपुर सीट पर सपा से लकी यादव जीते थे। लेकिन यहां पर मुख्य मुकाबला जेडीयू प्रत्याशी धन्नजय सिंह से रहा था।

ऐसी ही बलिया जिले की रसड़ा सीट थी, जहां से बसपा के उमाशंकर सिंह जीते थे। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भी बीजेपी को जौनपुर और प्रतापगढ़ में मात मिली थी। जौनपुर में धनंजय सिंह की पत्नी निर्दलीय जीती थीं तो प्रतापगढ़ में राजा भैया ने अपने करीबी को जिताया था।

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