सीरो सर्वे में लखनऊ और कानपुर के लगभग 60% बच्चों में कोरोना (Corona) के खिलाफ एंटीबॉडी

हाल ही में ICMR और उत्तरप्रदेश सरकार के द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि लगभग 50 से 60% बच्चों में कोविड-19 (Corona) के खिलाफ अपने आप एंटीबॉडी बन चुकी है। 05 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों पर कराए गए सीरो सर्वे में बात सामने आई है। हालांकि सरकार ने अभी तक इस सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। इस सर्वे के द्वारा संकलित किए गए सभी नमूनों की जांच केजीएमयू में की गई है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि आईसीएमआर के सर्वे में यह खुलासा हो चुका है कि देश के करीब दो तिहाई लोगों में हर्ड इम्यूनिटी के चलते अपने आप एंटीबॉडी बन चुकी है। इस आबादी में बच्चे भी शामिल हैं।
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गौरतलब है कि सितंबर तक बच्चों की भी वैक्सीन आने की संभावना है और इसके साथ ही वयस्कों को लगाई जा रही वैक्सीन की गति भी ठीक-ठाक चल रही है। वैक्सीनेशन की रफ्तार को देखते हुए कोरोना की कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बहुत ही कम नजर आ रही है, फिर भी लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही डॉ पियाली भट्टाचार्य ने कहा कि देश के कई राज्यों में डेल्टा प्लस के मामले भी आ चुके हैं। अगर इसका दायरा बढ़ता भी है तो तीसरी लहर उतनी प्रभावी नहीं होगी क्योंकि वैक्सीनेशन और उसकी वजह से लोगों में इम्यूनिटी आ चुकी है। यह भी कहा कि सरकार की यह नीति कि स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाए, यह निर्णय सर्वथा उचित है।
वही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ अमिता जैन ने कहा हम लोगों ने बच्चों में स्वत: एंटीबॉडी (Corona) तैयार होने को लेकर जांच कराई है। इससे जो प्राप्त आंकड़े हैं उन्हें सरकार को भेज दिया गया है। सर्वे में यह बताया गया कि लखनऊ और कानपुर के लगभग 60% बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है जबकि उत्तर प्रदेश के बाकी जिलों में 50% से कम बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार यहां आंकड़ा राहत देने वाला है। यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो उसका प्रभाव भी लोगों पर कम रहेगा।
AUTHOR- SHRADDHA TIWARI