काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर तंज कसना अखिलेश को पड़ा भारी, यूजर्स ने किया जमकर ट्रोल

वाराणसी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर रहे हैं। इस कॉरिडोर को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जमकर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी को समझाते हुए सीएम योगी को ‘पैदलजीवी’ कहकर कई सवाल पूछे हैं।
ट्वीटर में अपने अखिलेश यादव ने कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी…. सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ, सपा सरकार में कॉरिडोर हेतु भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ। मंदिर कर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया। ‘पैदलजीवी’ बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ।
अखिलेश के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपना रिएक्शन दिया है। बीजेपी नेता सुरेश नाखुवा ने लिखा कि अखिलेश जी, आपने अपने कार्यकाल में न कोई राशि का आवंटन किया न कोई कार्य किया। आपने सिर्फ झूठ बोल के जनता को गुमराह किया है और कुछ नहीं, जनता की नज़र में ईमानदार दमदार सरकार और इफ्तार वाली पार्टी का फर्क साफ है 2022 में जवाब आपको जनता देगी। इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि ग्राहम बेल को कौन नहीं जानता? लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनको प्रेरणा देने वाला कौन था।
विजय पटेल नाम के एक युवक ने ट्विट कर लिखा कि सर, वो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी वाला भी बता दीजिए। कैसे आपने छुपके से गुजरात आकर पूरा प्लान बनाया था और आपने करोड़ो का आवंटन भी कैसे किया था। वहीं अनुराग सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने कहा कि अगर विश्व काशी विश्वनाथ कॉरीडोर आपका सपना था तो यह घोषणा कीजिए कि मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि को भी मुक्त कराएंगे। मथुरा मुक्त आंदोलन के अगुआ बनिए… संपूर्ण हिंदू समाज आपके साथ खड़ा होगा।
अखिलेश ने ट्वीट कर साधा था निशाना
इससे पहले अखिलेश यादव ने सरयू योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सपा के समय तीन-चौथाई बन चुकी ‘सरयू राष्ट्रीय परियोजना’ के शेष बचे काम को पूर्ण करने में यूपी की भाजपा सरकार ने 5 साल लगा दिए।
सपा के समय तीन चौथाई बन चुकी ‘सरयू राष्ट्रीय परियोजना’ के शेष बचे काम को पूर्ण करने में उप्र भाजपा सरकार ने पाँच साल लगा दिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 11, 2021
22 में फिर सपा का नया युग आएगा… विकास की नहरों से प्रदेश लहलहाएगा! #सपा_का_काम_जनता_के_नाम