इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम फेल, नए की तैयारी, चारबाग व लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर 8 करोड़ रुपये से सेफ्टी सिक्योरिटी को करेंगे मुकम्मल

चारबाग रेलवे स्टेशन व लखनऊ जंक्शन पर सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम लगाया गया, जो कारगर साबित नहीं हुआ। अब रेलवे प्रशासन नया सिक्योरिटी प्लान बनाने की कवायद में जुट गया है।
उत्तर रेलवे के चारबाग रेलवे स्टेशन व पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम बनाया गया, जिसका उद्घाटन राजनाथ सिंह ने तब किया था, जब वह गृहमंत्री थे। इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम केअंतर्गत हाई डेफिनेशन सीसीटीवी, हैंड हेल्ड मशीन, मेटल डिटेक्टर डोर, लगेज स्कैनर वगैरह लगाए गए। इसमें तमाम सीसीटीवी खराब हो गए, जिन्हें बदला नहीं गया। वहीं लगेज स्कैनरों की सांसें महज कुछ महीनों में ही फूल गईं और वे शोपीस बनकर रह गए। ऐसे ही मेटल डोर डिटेक्टर से सेफ्टी भी बीप तक सिमटकर रह गई। जिससे पूरा इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम की सवालों के घेरे में आ गया। मुख्यालय ने इस बाबत आला रेलवे अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा। अब जब राजधानी में आतंकी गतिविधियों का साया बढ़ा है तो रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर नया खाका तैयार किया है। इसके तहत आठ करोड़ रुपये से सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाया जाएगा।
नए प्लान में ये होंगे काम :
ड्रोन से रेलवे स्टेशन की सुरक्षा जांची जाएगी।
रेलवे ट्रैक किनारे की जाएगी बैरिकेडिंग।
एंट्री व एग्जिट पर बढ़ेगी अत्याधुनिक मेटल डोर डिटेक्टरों की संख्या।
नई तकनीकी पर आधारित हैंड हेल्ड मशीनें सुरक्षाबलों को मिलेंगी।
सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछेगा, कंट्रोल रूम से किए जाएंगे कनेक्ट।